मस्ती का अगला राउंड (a hindi story)

Bath


यह कहानी का चौथा भाग है पहले तीन भाग पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें

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इस भाग का नाम है

मस्ती का अगला राउंड

कशिश राधा की टांगों पर सिर रख कर लेट गए, राधा ने अपना हाथ कशिश के सिर पर रखा और उंगलियों से बालों के साथ खेलने लगी, कशिश अपने हाथों से राधा की फिटनेस को महसूस करने लगी, 

कशिश: राधा मुझे भी अपने साथ जिम जॉइन करा लो,
राधा: चला करो, मुझे भी साथ मिल जाएगा,

नेहा कशिश के सहारे लेटती हुई कहते है जिम जाने की क्या जरूरत है मेरे घर सभी सामान पड़ा है, उन्होंने मेरे लिए मंगवाया था, मुझ से नहीं होता, यहां कहीं सैट कर लेते हैं, रोज सुबह मिल भी लिया करेंगे और एक्सरसाइज भी कर लिया करेंगे, सुमन ने कहा आइडिया तो बहुत अच्छा है मैंने सुना है एक्सरसाइज करते वक़्त कपड़े कम पहनने चाहिए, कशिश ने कहा मेरे पास ऐसी जगह है यहां जैसे चाहो वैसे एक्सरसाइज करना, कोमल ने पूछा कहाँ, कशिश ने कहा ऊपर एक बहुत बड़ा रूम है हम उसे तैयार कर सकते हैं मगर पहले रोहित से पूछना पड़ेगा, सुमन ने कहा सुबह रोहित तो घर पर होगा फिर तो हमें कपड़ो में टाइट ही रहना पड़ेगा, ऐसे तो मजा ही नहीं आएगा, कशिश ने कहा तुम चिंता मत करो, रोहित सुबह 6:30 के बाद ही उठते हैं बाकी मैं रोहित को समझा दूंगी, सभी को 5:00 बजे आना पड़ेगा, ताकि 6 बजे तक हम फ्री हो जाये । बातों-बातों में 1 बजने को हो चुका था । किशश ने सभी से पूछा ओर ऑनलाइन लंच ऑडर कर दिया ओर साथ में यह भी कह दिया कि लंच हमें पूरे 2:00 बजे चाहिए ।

कशिश उठी और नेहा का हाथ पकड़कर उसे बाथरुम में ले गई, कशिश ने छाबर चलाया ओर नेहा को उसके निचे कर दिया और खुद भी नहाने लगी, कशिश ने लिउकड सोप की बोतल उठाई और काफी सोप हाथ पर डाल कर नेहा को लगाने लगी, कन्दों से जैसे-जैसे कशिश के हाथ नीचे जा रहे थे नेहा की आंखे बंद होती जा रही थी और सांस तेज हो रही थी, जैसे ही कशिश का हाथ नेहा को छूते हुए नीचे जाने लगा नेहा ने कशिश का हाथ पकड़ने की लेकिन कशिश नहीं रुकी ओर हाथ फेरते हुए कशिश ने नेहा के पूरे बदन पर सोप लगा छाबर चला दिया, नेहा ने कशिश को गले लगा लिया, कशिश तुमने जन्नत की सैर कर दी आज, नेहा बाथरूम से बाहर आ गई, सुमन,राधा और कोमल भी बाथरूम के सामने ही खड़ी थी, वो तीनों भी बाथरूम में घुस गई, अब चारों एक दूसरे के साबुन लगाने लगी, कशिश ने नेहा को आवाज लगाई, नेहा वो लंच आने वाला होगा तुम कपड़े पहन लो , नेहा ने लंच का पैकिट पकड़ा और किचन में रख बापिस बाथरूम में आ गई, काफ़ी देर नहाने के बाद पांचों सहेलियां बेड पर लेट गए ।

कशिश: आज का दिन हमेशा याद रहेगा, इतनी मस्ती मैंने कभी नहीं कि,
राधा: महीने में एक दिन तो ऐसा होना ही चाहिए, जब हम अपने दिल की कर सकें,
नेहा: ऐसा लगता है आज पहली बार मेरे बदन ने खुलकर सांस ली है, वरना देखी पैंटी ओर ब्रा के निशान पड़े हुए हैं, हर वक़्त जकड़ा रहता है शरीर,
कोमल: मजा आ गया,
सुमन: चिंता न करो, मैं कल से ही कशिश के साथ मिलकर ऊपर वाला रूम तैयार कराती हूँ, पूरा जिम बना देंगे उसे, फिर हर रोज पूरा एक घँटा हमारा होगा,
कशिश: रुको-रुको पहले रोहित से पूछ लेने दो , फिर सपने देखना,
सुमन: भूख नहीं लगी क्या, चलो लंच करते हैं
नेहा: उठा नहीं जा रहा यही बैठ कर खा लेते हैं

लंच के साथ ही मस्ती का यह दिन भी खत्म हो रहा था, कशिश ने कोमल से कहा मेरी ब्रा क्यों पहन रही हो अपनी ब्रा ढूंढो, सुमन को उसकी पेंट नहीं मिल रही थी, उसने जोश में उतार कर किसी तरह फैंक दी थी, सभी ने कपड़े पहन कर एक दूसरे की तरफ देखा, सभी के चहरे पर सकून भरी मुस्कान थी, 7 घँटे का यह सफ़र सभी के लिए लाजवाब था, एक-एक कर सभी ने कशिश को गले लगाया और थैंक्स कहते हुए अपने-अपने घर जाने के लिए निकल गई ।

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कहानी का यह हिस्सा यहीं पर समाप्त होता है, लेकिन कहानी अभी समाप्त नहीं हुई, कहानी के अगले हिस्से में, पांचों सहेलियां कशिश के घर पर बनाये जिम में अपने अंदाज में एक्सरसाइज कर रही होती हैं और अचानक रोहित आ जाता है, फिर क्या होता है

कल पढ़े
31/07/22 8PM

जिम के लिए रूम तैयार है 


Hello

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