सुमन ओर कशिश की इस hindi Story को यहाँ से हम आगे बढ़ाते हैं, अभी तक हम सुमन ओर कशिश को मिल चुके हैं, कशिश को देखकर सुमन के अंदर जो हलचल हुई अब वो ओर आगे तक जाएगी, दो सहेली अलग ही मुड़ में पहले इसे पढ़ें
Party se pahle ki hot taiyari
कहानी के इस हिस्से को नया नाम देते हुए, हम आगे बढ़ते हैं ।
कपड़े पहन सुमन अपने घर चली जाती है, आज सुमन के पास सोचने के लिए बहुत कुछ था, वो आंखें बंद करती तो उसके सामने कशिश ओर उसका खूबसूरत बदन होता, वो सोच रही थी कल को हम क्या करें, उसके मन में ढेरों ख्याल उमड़ रहे थे, वो फिर से जवान हो रही थी, उसका अंग-अंग नाच रहा था । दो बच्चों के बाद जिन इच्छाओं को सुमन ने अपने अंदर दबा लिया था आज वो इच्छाएं बाहर आ रही थी, सुमन भी उन्हें रोकना नहीं चाहती थी, वो एक बार फिर जवानी की दुनिया में खो जाना चाहती थी ।
अगले दिन सुमन कशिश के घर जाती है, कशिश सुमन को देख , आओ मेरी जान, रात को नींद आ गई थी ?
सुमन: उसे छोड़ो यह बताओ क्या कुछ सोचा है,
कशिश: मुझे तो रात रोहित ने कुछ सोचने का मौका ही नहीं दिया, पूरा बदन अभी थका-थका महसूस कर रहा है, तुमने क्या प्लैन बनाया वो बताओ,
सुमन: मेरी 3 ओर friend हैं हम हर तरह की बातें कर लेते हैं, 2 तो रात को क्या किया, कैसे-कैसे किया वो भी बता देती हैं, मैं चाहती हूँ हम पांचों मिलकर ग्रुप पार्टी करते हैं वो भी अपने स्टाइल में,
कशिश: वो मान जाएंगी
सुमन: क्यों नहीं, हम अपनी जिंदगी में कुछ खूबसूरत पल ही तो ला रहे हैं कुछ ग़लत तो नहीं कर रहे,
कशिश: पहले उनसे बात करलो फिर प्लैन करते हैं पार्टी वो भी अपने अंदाज में, बहुत मज़ा आएगा ।
कशिश बेफिक्र थी क्योंकि उसने रोहित को सब बता दिया था, की हम कुछ प्लैन कर रहे हैं, रोहित ने कशिश को बस इतना कहा साल दो साल हैं कर लो मस्ती जब एक बार बच्चे हो गई फिर कहाँ यह लाइफ मिलेगी ।
सुमन कशिश के घर से चली जाती है, उसी दिन शाम को सुमन अपनी तीनों सहेलियों को अपने घर पर आने को कहती है ( कोमल, राधा और नेहा) वो तीनों को अपने बेडरूम में बैठती है, कुछ देर बातें करने के बाद सुमन उन्हें कशिश के बारे में बताती है, फिर वो उन्हें कशिश की Sunday वाली स्टोरी सुनाती है
Husband wife ki sunday mast , फिर वो उन्हें अपनी ओर कशिश की बातें बताने लगती है
दो सहेली अलग ही मुड़ में , सुमन ने अपनी तीनों सहेलियों के अंदर भी वही आग वही तड़फ पैदा करने की कोशिश की जो उसके खुद के अंदर पैदा हो चुकी थी, सुमन ने ऐसा माहौल बनाया की सुमन की तीनों सहेलियां खुद ही कहने लगी, कभी हमें भी कशिश से मिलाओ, हम भी तो देखें इस मस्ती भी दुनिया को, सुमन ने कहा तुम तैयार रहना मैं कशिश के साथ कोई प्लैन बनाती हूँ, सभी साथ में मस्ती करेंगे ।
सुमन बहुत खुश थी , उसे उमीद नहीं थी सभी इतनी जल्दी मान जाएगी, अगले दिन सुमन फिर कशिश के पास जाती है,
कशिश: कहाँ तक पहुंचा तुम्हारा मिशन ग्रुप मस्ती
सुमन: सब कुछ ok है बस एक date सैट करनी है
कशिश: तुम तो बहुत तेज निकली
सुमन: तुमने जो आग लगाई है अब उसे बहुत आगे तक लेकर जाएंगे,
कशिश: बापिस आजाओ, घर तक ही रखेंगे
सुमन: फिर कोनसा दिन रखे
कशिश: शनिवार और सोमवार को छोड़ कोई भी दिन रख लो
सुमन: क्यों
कशिश: शनिवार को मैं तैयारी करती हूँ तांकि रविवार को रोहित के साथ हर पल का मज़ा ले सकूं ओर सोमवार को रविवार की थकावट भी तो उतारनी होती है ।
सुमन: मंगलवार तय रहा, बाकी एक बार मैं सब से बात कर लेती हूँ,
कशिश: मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं,
ग्रुप मस्ती का प्रोग्राम लगभग तैयार हो चुका था, सुमन ने एक बार अपनी तीनों सहेलियों को कशिश से मिलवा दिया, सबने तय किया, वो मंगलवार को एक पार्टी करेंगी, 9 बजे वो कशिश के घर पर इकठा होंगी , सभी के आने के बाद पूरे मुड़ में होंगी ओर फिर शुरू होगी, एक अलग तरह की पार्टी ।
पार्टी की सभी तैयार सुमन ओर कशिश ने करनी थी, दोनों शॉपिंग करने मार्किट गई तो सुमन एक सब्जी वाले के पास रुक गई और कुछ खीरे,मूली,बैंगन,गाजर लेने लगी , कशिश ने पूछा इनका क्या करना है, सुमन ने कहा टेबल पर एक प्लेट में रखेंगे किसी चीज की कमी महसूस नहीं होगी, आज तुम इन्हें खीरे, मूली, गाजर की तरह ना देखो, कशिश ने कहा तुम भी कुछ भी चलो अब, दोनों बहुत सी शॉपिंग कर घर लौट आती हैं ।
सोमवार का दिन बीत चुका था, बस अब एक रात बाकी थी, सभी को सुबह का इंतजार था ।
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हमारा ओर आपका आज का सफ़र यहीं तक, कल कहानी की शुरुआत 9 बजे से ही होगी, सुमन अपनी तीनों सहेलियों के साथ कशिश के घर पहुंच चुकी होंगी ओर...........
कहानी का बाकी हिस्सा 29/07/22 8PM
उमीद है आप भी उनकी तरह इंतजार करेंगे,
धन्यवाद