आओ कल्पना के किसी समुंदर में डूब जाएं, Hindi Story उम्र के इन लाजवाब पलों को ओर खूबसूरत बनाये, Hindi stories , husband wife love story after marriage
Husband wife ki Sunday Masti
अभी उनकी नई शादी हुई थी, दोनों पति पत्नी अपने नए घर में रहने आये थे, उनकी किसी के साथ ज्यादा जान पहचान नहीं थी, पति किसी अच्छी कंपनी में नोकरी करता था और पत्नी हाउस वाईफ थी, दोनों बहुत ही रोमांटिक थे, पति सुबह घर से आफिस जाता तो रात तक ही लौटता था । पति का नाम रोहित ओर पत्नी का नाम कशिश था ।
उस दिन रविवार था और रोहित घर पर ही था, कशिश बाथरूम से नहा कर ऐसे ही कमरे में आ जाती है, रोहित कशिश की तरफ़ देखता है और देखता ही रह जाता है ।
रोहित: आज तो बिजली गिराने के इरादे लगते हैं ।
कशिश: रोहित अगर आज मैं यूँ ही रहूँ तुम्हें कोई एतराज तो नहीं ।
रोहित: मुझे क्या एतराज़ मुझे तो मझे ही आने वाले हैं ।
रोहित कशिश को kiss करते हुए कहता है, चलो चाय तो पिला दो, कशिश ऐसे ही रसोई में चली जाती है, आज कशिश किसी हॉलीवुड की हॉट हीरोइन से कम नहीं लग रही थी, कशिश भी जिंदगी के पूरे मजे लेना चाहती थी, कशिश रोहित को चाय देकर बापिस रसोई में आ गई और सुबह का नाश्ता तैयार करने लगी, रोहित कशिश को देखता जा रहा था, चाय पीने के बाद रोहित भी रसोई में आ गया ।
क्या मैं कोई मदद करूँ कहते हुए रोहित ने कशिश को पीछे से बाहों में ले लिया, कशिश ने रोहित से कहा पहले नाश्ता करते हैं फिर प्यार करेंगे, रोहित ने कहा तुम नाश्ता बनाती रहो मुझे प्यार करने दो, रोहित के हाथ कशिश को छूने लगे, कशिश से अभी रहा नहीं गया और रोहित का साथ देने लगी, कुछ ही देर में दोनों शांत हो गई, रोहित कमरे में चला गया और कशिश फिर नहाने चली गई, नहाने के बाद कशिश ने रोहित से कहा आज मैं ऐसे ही रहने वाली हूँ खुद पर काबू रखना, कशिश फिर नाश्ता तैयार करने लगती है ।
तभी डोरबेल बजती है
रोहित : कशिश देखना कौन है ।
काशिश : पक्का मैं ही देखु ।
रोहित : रुको-रुको मैं देखता हूँ ।
कशिश दूध वाला है कोई बर्तन देना,
कशिश: लाती हूँ
रोहित: रुक यार मैं ही लेता हूँ ।
रसोई में खड़ी कशिश रोहित को देख मजे ले रही थी, दूध वाला चला गया, रोहित ने दरवाजा बंद कर दिया, कशिश तेजी से आई लाओ दूध मुझे दो, रोहित ने कहा क्या यार एक दिन छूटी का होता है उस में भी मुझसे काम कराओगी, कशिश हस्ते हुए बोली जान तुम बैठो मैं नाश्ता लगाती हूँ ।
नाश्ता करने के बाद कशिश रोहित के पास जा बैठी,
रोहित: क्या आज सच में ऐसे ही रहोगी
कशिश: मैं हूँ तुम हो फिर कपड़ो की क्या जरुरत
रहित: यह भी ठीक है, एक बात कहूँ, तुम बहुत खूबसूरत हो,
कशिश: जिंदगी हर दिन एक जैसी नहीं होनी चाहिए , कुछ नया करते रहना चाहिये, जैसे आज मैंने कुछ नया अनुभव किया ।
रोहित ने कशिश को फिर गौद में उठा लिया और बोला अभी अनुभव किया कहाँ है अभी तो अनुभव करोगी, रोहित कशिश को प्यार करने लगा, कशिश भी रोहित में समा गई, कशिश की आंखे बंद थी वो उन पलों में खो चुकी थी, कशिश का तन मन रोहित के प्यार से नहा रहा था, पूरी दुनिया को भूल दोनों एकदूसरे में खोए हुए थे, 15-20 मिनट का यह सफर दोनों के लिए बहुत मस्त रहा ।
रोहित: आज शाम को घूमने चलें
कशिश: कहाँ
रोहित: पहले मॉल चलते हैं कुछ शॉपिंग ओर फिर डिनर
कशिश: ठीक है, तब तक मैं सोना चाहती हूँ, लांच तुम बना लेना,
रोहित: मैं
काशश: हाँ तुम, अरे बाबा मज़ाक कर रही हूँ,
कशिश सो गई और रोहित लैपटॉप पर कुछ काम करने लगा, दो घँटे बाद काशश जागी तो देखा रोहित कुर्सी पर सोया हुआ है, कशिश उठी और रोहित की गौद में बैठ गई,
कशिश: तुम यहाँ क्यों सो गए
रोहित: वो काम करते-करते आँख लग गई
कशिश ने रोहित को kiss करते हुए कहा जानू आज sunday है, तुम्हे आज मुझसे प्यार करने के सिवा कोई काम नहीं है, रोहित ने कहा जान भूख लगी है, कशिश ने कहा आज सिर्फ प्यार की भूख है । रोहित ने कशिश को गौद में उठाया और रसोई में ले गया ओर सैल्फ पर बैठा दिया ।
कशिश: क्या करने वाले हो
रोहित: प्यार
कशिश: किचन में
रोहित : हाँ, रोहित ने कशिश के होंठों पर उंगली रखी ओर कहा तुम चुप रहो और महसूस करो,
एक जबरदस्त जफ्फी के बाद रोहित ने कहा , आज मैं आमलेट बनाता हूँ तुम देखो, रोहित आमलेट बनाने की तैयारी करने लगा, कशिश सैल्फ से नीचे उतरी ओर रोहित को पीछे से बाहों में ले लिया "तुम कितने अच्छे हो" कहते हुए काशश ने रोहित की कमीज के बटन खोलने शुरू कर दिए, धीरे-धीरे कशिश रोहित को प्यार करने लगी, अब दोनों एकदूसरे को देख रहे थे ।
रोहित: पहले ऑमलेट खाये
कशिश: ok
कशिश ने आमलेट का एक पीस अपने मुंह में रखा और रोहित को इशारा किया इसे खाओ, आमलेट के बहाने वो फिर एकदूसरे को प्यार करने लगे । ऑमलेट वही पड़ा रहा और वो मस्ती की दुनिया में खोते चले गए, ऐसे ही प्यार मोहब्बत ओर मस्ती में शाम हो गई ।
रोहित : तैयार हो जाओ, घूमने चलते हैं,
कशिश: मेरा कपड़े पहनने का मन नहीं कर रहा
रोहित : तो रहने देते हैं
कशिश: नहीं चलते हैं, मैं तैयार होती हूँ
दोनों शॉपिंग ओर डिनर के लिए घर से चल पड़े, कशिश अभी भी सुबह वाले मूड में ही थी । कशिश अपने लिए कुछ ब्रा देख रही थी उसने रोहित से कहा अगर कपड़ों की खोज न हुई होती तो पूरी दुनिया कैसी दिखती, सभी अलग-अलग डजाइन ओर रंग के पत्ते लपेट कर घूम रहे होते, यह देखो कोई छोटी ब्रा है कोई बड़ी अगर यह न होती तो हम भी छोटे बड़े पत्तों से काम चलाते । रोहित आंखे बंद कर अमेजिंग करो सब कैसा नज़र आता । रोहित ने कशिश को रोकते हुए कशिश सपनों से बाहर निकलो ओर जल्दी से शॉपिंग ख़त्म करो, लांच में भी कुछ नहीं खाया चलो डिनर के लिए चलते हैं ।
काफ़ी अंधेरा हो गया था दोनों घर लौट आये ।
रोहित: आज का दिन तो हनीमून जैसा था,
कशिश: हाँ बहुत मजा आया मगर अभी हनीमून ख़त्म नहीं हुआ
रोहित: क्या मतलब?
कशिश: अभी रात बाकी है जानू, मैं नहा कर आती हूँ,
रोहित: चलो मैं भी साथ चलता हूँ
कशिश: कहाँ
रोहित: नहाने
कशिश: तो आ जाओ
दोनों बाथरूम में नहाने चले जाते हैं , इस मस्ती भरे sunday का आनंद लेते हुए दोनों सो जाते हैं ।
इस story का तो अंत हो गया मगर इसकी मस्तियों का कभी अंत नहीं हो सकता, सभी की जिंदगी में एक दिन तो ऐसा होना ही चाहिए, प्यार करने की आज़ादी, मन की चाहते पूरा करने की आज़ादी ।
अपने पार्टनर से स्टोरी share कीजिए, क्या पता आपकी जिंदगी में भी ऐसा दिन आ जाये ।
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Best story
ReplyDeleteKashish Jaisi biwi milati kahan hai bhai Hamari wali to bilkul nahin hai aisi
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