यादें प्यार की Part - 2

 

A love story


यह इस कहानी का दूसरा Part है, पहले Part में शालिनी ओर अजय एक दूसरे की मोहब्बत में खो चुके थे, कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए पहला Part जरूर पढ़े । अब आगे

यादें प्यार की Part -2

शालिनी ने सुबह सोये हुए अजय को Kiss किया और भाग गई, अजय शालिनी से कहता है तुम अचानक आती हो और I Love You कह भाग जाती हो, आज सुबह तुम अचानक आई और मुझे kiss कर भाग गई, मैं भी इन लम्हों को जीना चाहता हूँ, मैं भी प्यार की इस खुशी से गुजरना चाहता हूँ, शालिनी जवाब देती है सारी उम्र पड़ी है, मैं तुम्हरी हूँ, मैं तुम से प्यार करती हूँ, प्यार की हर खुशी हमारे पास है । कहते हुए शालिनी अजय के बहुत करीब आ जाती है ओर अजय से कहती है मुझे अपनी बाहों में समेट लो वरना मैं गिर जाऊंगी, शालिनी बेजान सी होकर अजय के सीने से लग जाती है, अजय उसे अपनी बाहों का सहारा देते हुए जोर से अपने सीने से लगा लेता है, वो देर तक ऐसे ही खड़े रहते हैं, उन्हें इस समय कुछ सुनाई नहीं देर रहा था, वह पूरी तरह एक-दूसरे में खो चुके थे, जैसे दुनिया में उनके सिवा और कोई है ही नहीं ।

कई महीने वो ऐसे ही बीत गए, एक दिन शालिनी ने अजय को  कॉलिज की एक लड़की से बातें करते हुए देखा, शालिनी को बहुत गुस्सा आया, करीब एक हफ़्ते तक शालिनी ने अजय से बात नहीं की, अजय को नहीं पता था वो किस बात पर नाराज़ है, उस दिन जब अजय ने देखा घर में कोई नहीं है और शालिनी अपने कमरे में है अजय पहली बार शालिनी के कमरे में चला गया, शालिनी उदास बैठी थी जैसे अजय का ही इंतज़ार कर रही हो, अजय थोड़ा डरते हुए जैसे ही शालिनी के कंदे पर हाथ रखता है वो उठकर अजय के गले लग जाती है और रोने लगती है ।

अजय: क्या हुआ
शालिनी: मैं डर गई थी
अजय: क्यों
शालिनी: उस दिन तुम किसी लड़की के साथ बात कर रहे थे मैंने देख लिया था
अजय: फिर मुझसे पूछा क्यों नहीं कौन है वो
शालिनी: मेरी समझ में नहीं आया मैं क्या करूँ
अजय: तुम्हे पता है वो नेहा थी, कैंटीन में उस दिन जिस दोस्त ने मेरे साथ झगड़ा किया था वह उसकी friend है, दोनों शादी कर रहे हैं, उस दिन वो मुझसे झगड़ने के बाद वो सीधे नेहा पास गया और उसे प्रपोज कर दिया, देखो अब उनकी शादी हो रही है,
शालिनी: sorry मुझे माफ़ कर दो,
अजय: माफ़ तो कर दूंगा मगर एक kiss करने के बाद,
शालिनी: जाओ मां आने वाली है ,
अजय : पहले...

शालिनी की मां ने अजय को शालिनी के कमरे से निकलते हुए देख लिया, उसे पहले से ही पता था शालिनी ओर अजय एक-दूसरे को पसंद करते हैं ओर छुप-छुप कर मिलते भी हैं, मगर उसे अपनी बेटी पर विश्वास भी था वो कोई ग़लत काम नहीं करेगी जिस से उनकी बदनामी हो ।

कुछ दिन बाद शालिनी की माँ ने शालिनी से कहा तुम्हारे पिता को पता चला तो वो बहुत नाराज होंगे,

शालिनी: क्यों?
माँ: मुझे तुम्हारे ओर अजय के बारे में सब पता है
शालिनी: क्या पता है?
माँ: मुझे पता है तुम छुप-छुप कर मिलते हो, तुम्हारे पिता को पता चला तो वो यह घर छोड़ देंगे,
शालिनी: माँ हमने कुछ ग़लत नहीं किया है, हम प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं,
माँ: तुम्हारे कभी नहीं मानेंगे, उन्हें शादी से पहले के प्यार और रिलेशन से सख्त नफ़रत है,
शालिनी: माँ तुम बात करना पिता जी से,
माँ: उतना ही आगे बढ़ना की बापिस आ सको, मैंने भी जिंदगी का ऐसा दौर देखा है,

माँ शालिनी से इतनी बात कह अपने काम में लग गई, शायद शालिनी की माँ को अपनी कोई पुरानी बात याद आ गई ।

एक हफ़्ते की जुदाई के बाद अजय से मिलकर ओर उस से बात कर शालिनी बहुत खुश थी, माँ की बातों ने उसे फिर उदास कर दिया, वो अजय से मिलना चाहती थी, वो चाहती थी जल्दी से जल्दी वो अजय से बात करे, वो अजय को बताना चाहती थी कि मां को हमारे बारे में सब कुछ पता है ।

अब उसकी आँखें घर में अजय को ढूंढ रही थी, एक-एक पल जैसे घण्टों में बीत रहा हो, काफ़ी देर बाद उसने अजय को घर में देखा और सीधे अजय के कमरे में चली गई,

शालिनी:अजय मैंने तुम से अभी कुछ बात करनी है,
अजय: बोलो
शालिनी: यहां नहीं कहीं बाहर चलते हैं
अजय: क्या हुआ, ऐसी क्या बात है, तुम परेशान क्यों हो,
शालिनी : तुम चलो तो सही मैं बताती हूँ, मैं बस स्टॉप पर तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ ,

इतना कह शालिनी घर से बाहर निकल गई, अजय को कुछ समझ नहीं आया, वो भी शालिनी के पीछे घर के निकल जाता है, दोनों एक पार्क में चले जाते हैं और एक खाफी जगह पर बैठ जाते हैं,

शालिनी: माँ को हमारे बारे में सब पता है,
अजय: तुम्हे कैसे पता
शालिनी: आज उन्होंने मुझ से बात की

शालिनी ने अजय को माँ से हुई सारी बात बता दी,

अजय: हमने कुछ ग़लत नहीं किया, हमारा प्यार पवित्र है, मैं अपने घर में बात करूंगा, जरूरत पड़ी तो हम कुछ भी करेंगे,तुम चिंता मत करो, मैं हूँ ना, तुम खुद ही तो कहती हो तुम्हारी बाहों में मैं खुद को सुरक्षित महसूस करती हूँ,

शालिनी: मेरे लिये हमारी शादी में मेरे माता-पिता की मंजूरी जरूरी है, हम कुछ ऐसा-वैसा नहीं करेंगे,

अजय: तुम चिंता मत करो सब ठीक होगा,
शालिनी: मैं मर जाऊंगी
अजय: तुम ऐसी बातें मत करो , मेरी सांसे तुम्हारे पास है, उन्हें संभाल कर रखना ।

शालिनी का मन अब कुछ शांत था, चिंता अभी भी थी ।

कहानी के अगले हिस्से में, आगे क्या हुआ, अजय ने घर में कैसे बात की, घर वालों ने क्या कहा, शालिनी के पिता से किस ने बात की शालिनी का क्या हुआ,





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