Pyar की romantic ओर मजेदार story, mohabbat कहाँ से शुरू हुई किसने पहले I Love you कहा, पहली बार hug कहाँ ओर कैसे हुआ, वो पहला kiss, कैंटीन में वो पहली chai एक साथ, वो पहला touch, वो लम्हें जिन्हें कभी भुला नहीं जा सकता, आज आपके साथ share कर रहा हूँ । हर पल Dil की धड़कन की तरह है । आओ उन पलों को Yaad करते हैं ।
यादें प्यार की
आज वो प्यार की यादों को समेटे हुए जिंदगी जी रहा है, उन पलों को याद कर खुश होता है, उसे उसकी मोहब्बत नहीं बस उसकी यादें मिली ।
अजय अपने माता पिता के साथ रहता था, घर काफ़ी बड़ा था और वो तीन इस लिए अजय के पिता ने घर का कुछ हिस्सा किराए पर देने का फैंसला किया, अजय की दो बहनें थी जिनकी शादी हो चुकी थी, घर का एक हिस्सा ऐसे ही खाली पड़ा था, कुछ दिन बाद घर में एक परिवार रहने के लिए आया एक पति-पत्नी और उनकी एक बेटी जिसका नाम शालिनी था,शालिनी दिखने में ठीक थी और सब से बातें करने वाली थी, इस लिए दोनों परिवार आपस में घुलमिल गए, अजय कॉलेज जाता था और फिर दोस्तों के साथ चला जाता, इस लिए घर में कम ही रहता था, कुछ दिन बाद शालिनी ने भी उसी कॉलेज में एडमिशन ले ली जिस कॉलिज से अजय पढ़ता था ।
दोनों एक साथ घर से निकलते थे लेकिन अलग-अलग अजय दोस्तो के साथ बाइक पर ओर शालिनी बस में कॉलेज जाते थे, दोनों एक दूसरे को बुलाते भी नहीं थे, दोनों अलग-अलग क्लास में थे इस लिए काफ़ी दिनों तक दूरी बनी रही, देखते ही देखते exam आ गई दोनों exam की तैयारी में लग गए ।
एक बार exam वाले दिन शालिनी की बस छूट गई, वो बापिस घर आई तो अजय घर पर ही था, माँ ने पूछा क्या हुआ शालिनी ने कहा बस निकल गई , माहौल में थोड़ी गम्भीरता थी तो अजय बोला मेरे साथ बाइक पर चलो, दोनों exam की बातें करते कालेज पहुंच गए, exam के बाद शालिनी ने अजय को thanks कहा, अजय ने शालिनी से कहा मैं कैंटीन में चाय पीने जा रहा हूँ तुम भी चलो, दोनों चाय पीने लगे , तभी अजय का एक दोस्त अजय से झगड़ने लगा उसके साथ हाथापाई करने लगा, मगर अजय कुछ नहीं बोला वहां से चला गया, शालिनी को समझ नहीं आई कि क्या हुआ ।
अगले दिन exam नहीं था, शालिनी अजय के कमरे में गई और पूछने लगी कल क्या हुआ था ? वो तुमसे झगड़ क्यों रहा था ? क्या तुम अपने दोस्तों से डरते हो ? अजय ने कहा ऐसा कुछ नहीं है, शालिनी के बार-बार पूछने पर अजय ने बताया कि वो तुम्हे पसंद करता है, तुम्हे मेरे साथ देखकर उसे जलन हुई, शायद इसी लिए वो मुझसे झगड़ रहा था, अजय अपनी टी-शर्ट उतारते हुए शालिनी से कहता है देखो मेरी बॉडी क्या मैं उससे डरूंगा, वो मेरा दोस्त है, कभी-कभी दोस्त का गुस्सा सहना पड़ता है । शालिनी अजय से कहती है मैं तो उसे पसंद नहीं करती । अजय बेफिक्री से जवाब देता है तुम जानो वो जाने, कल exam है , उसकी फिकर करो ।
अगले दिन शालिनी जानबुझ कर बस छोड़ देती है क्योंकि वो अजय के साथ बाइक पर जाना चाहती थी, अजय शालिनी से आज फिर बस निकल गई, शालिनी exam की टेंशन में समय का पता ही नहीं चला, घर वालों के सामने शालिनी ने यही जवाब दिया, बाइक पर बैठते ही शालिनी ने अजय के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, मैं तो तुम्हारे साथ बाइक पर जाऊंगी जिसने जलना है जले जिसने लड़ना है लड़े, अजय ने शालिनी से पूछा क्या तुम हमारी दोस्ती में दरार डालना चाहती हो, शालिनी नहीं ऐसा नहीं है ।
वो कॉलेज पहुंचे ही थे कि सामने अजय के दोस्त मिल गई, जिन में वो भी था जिसने उस दिन झगड़ा किया था, एक दोस्त कमेंट करता है "शालिनी को अजय से प्यार है" शालिनी चुप-चाप वहां से चली जाती है, अजय अपने दोस्त से पूछता है क्यों आज तुम शांत कैसे हो, दोस्त कहता है तुम्हारी बजह से मेरी बात बन गई, अजय पूछता है क्या मतलब? दोस्त कहता है मुझे शालिनी ओर नेहा दोनों पसंद थी , उस दिन मुझे शालिनी तो हाथ से निकलती हुई नज़र आई इस लिए तुम से झगड़ने के बाद मैं सीधा नेहा के पास गया और अपने दिल की बात बोल दी, अजय ने पूछा फिर, दोस्त, फिर क्या उसने भी हाँ कर दी, अजय: चलो भागो पेपर शुरू हो गया होगा बाकी की राम कहानी फिर सुनेंगे ।
Exam के बाद शालिनी अजय का इंतजार कर रही थी, अजय आज चाय नहीं पिलाओगे, अजय नहीं, शालिनी चलो मैं पिलाती हूँ । दोनों कैंटीन की तरफ़ चल दिये, शालिनी का पूरा ध्यान अजय पर था ओर अजय का अपने दोस्तों पर जो उन्हें ही देख रहे थे, शालिनी अजय से: क्या मैं आज तुम्हारे साथ बाइक पर घर चलूं? अजय: नहीं मेरे दोस्त मेरा इंतजार कर रहे हैं, शालिनी: तुम्हारे दोस्तों को मैं बोल देती हूँ, अजय: नहीं-नहीं रुको मैं उन्हें कोई बहाना बना कर आता हूँ । अब शालिनी अजय ओर उसके विचकार की दूरियां कम कर रही थी । जो पहली बार अजय की बाइक पर बैठते हुए अजय से काफ़ी हट कर बैठी थी आज अजय से चिपक कर बैठी । धीरे-धीरे दोनों नजदीक आने लगे, अब अजय भी शालिनी के साथ रहने के बहाने ढूंढता ।
एक दिन घर में कोई नहीं था शालिनी अजय के कमरे में गई, उसने देख अजय कमरे में नहीं है, वह बहुत निराश हुई ओर तेजी कमरे से बाहर निकल गई तभी अजय कमरे में आ रहा था वो चोंक गई और अपना बैलेंस खो बैठी , उसने अपनी आँखें बंद कर ली, जब उसने आंखें खोली वो अजय की बाहों में थी, अजय उस अपनी बाहों में सम्भाले हुए था, उस दिन शालिनी ने अजय को पहला hug किया , अजय: संभल कर, इतनी तेजी से किधर जा रही थी, शालिनी: मैं तो तुम्हारे पास ही आई थी , तुम कमरे में नहीं मिले तो बापिस जा रही थी, अजय: अब आ रही हो या जा रही हो, शालिनी: मैं तो तुम्हे कुछ कहने आई थी, अगर तुमने नहीं सुनना तो मैं जा रही हूँ, अजय: रुको, मुझे पता है तुम क्या कहना चाहती हो, शालिनी: शालिनी अजय के गले लगती हुई, मैं तुमसे प्यार करती हूँ, I Love You मैं सारी जिंदगी तुम्हरे साथ रहना चाहती हूँ, तुमने मेरी नींद ओर चैन चुरा लिया, अजय कुछ न कह पाया, वह बस शालिनी को सुनता रहा, शालिनी एकदम से अजय से अलग होती है और अपने कमरे की तरफ दौड़ जाती है, वह बहुत खुश थी जैसे कोई बड़ी जंग जीत ली हो ।
अजय अभी वहीं खड़ा था, आ अचानक जो हुआ उसने इसकी उम्मीद नहीं कि थी, वो अभी भी शालिनी को अपने गले लगा महसूस कर रहा था, शालिनी की कही हर बात उसके कानों में बार-बार गूंज रही थी, वह उन पलों में खोया हुआ था तभी एक आवाज आती है, अजय अजय कहाँ खोये हुए हो जाओ बाहर रिक्शा से समान उतारो , अजय की मां ने घर आते ही अजय से कहा ।
दोनों का प्यार धीरे-धीरे जवान होने लगा, दोनों एक दूसरे का बहुत खयाल रखने लगे, जब भी मौका मिलता शालिनी अजय के कमरे में आ जाती, दोनों देर तक एक दूसरे में खोए रहते , शालिनी अजय की बाहों में खुद को सुरक्षित महसूस करती और दुनिया को भूल जाती, शालिनी: अजय आज अपनी बाइक पर कहीं घुमा लाओ, अजय: माँ को क्या कहोगी, शालिनी: मैंने पहले ही कह दिया है आज मैं सहेलियों के साथ movie देखने जा रही हूँ, अजय: कोनसी, शालिनी: शालिनी अजय की प्रेम कहानी, अजय: तो चलो फिर, शालिनी: दस मिनट बाद बस स्टॉप पर मिलते हैं, अजय: ok
अजय: आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो, शालिनी: बाइक पर बैठते हुए मुझे कहीं दूर ले चलो यहाँ हम दोनों के सिवा कोई न हो, अजय: फिर न कहना बापिस घर जाना है माँ की याद आ रही है, शालिनी: तुम ले चलो बस कहते हुए शालिनी ने आंखे बंद कर ली ओर अजय के कंदे पर अपना सिर रख दिया ओर पीछे से जफ्फी डाल ली, शालिनी: मैं सारी उम्र ऐसे ही तुम्हारे कंदे पर सिर रख बैठ सकती हूँ, मां पाप और तुम यही मेरी जिंदगी है, मैं तुम में से किसी को भी खो कर जी नहीं सकती, तुम मुझे कभी मत छोड़ना, मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ, जैसे-जैसे शालिनी बोल रही थी , अजय पर शालिनी की पकड़ ओर मजबूत हो रही थी जैसे वो अजय में समा जाना चाहती हो ।