यादें प्यार की Part-3

 

A love story


यह इस Love Story का तीसरा ओर अंतिम Part है, अब तक शालिनी की माँ को शालिनी ओर अजय के Pyar का पता चल चुका है । अब आगे

यादें प्यार की Part-3

शालिनी ओर अजय पार्क से बापिस घर आ गए, शालिनी के चहरे पर चिंता साफ़ नज़र आ रही थी, अब जो भी करना था अजय ने करना था ।

अजय एक ऐसे मौके की तलाश करने लगा कि जब वो शालिनी के बारे में घर में बात कर सके, अजय के मन में हर तरह के ख्याल आ रहे थे, वो समझ नहीं पा रहा था कैसे बात करे, कई दिन बीत जाने के बाद भी अजय घर में बात नहीं कर पाया, उधर शालिनी परेशान थी, शालिनी की माँ भी शालिनी को देख दुखी थी, 

शालिनी की माँ ने अजय को बुलाया ओर समझने की कोशिश कि शालिनी के पिता को पता चला तो अच्छा नहीं होगा, वो कभी नहीं मानेंगे, मैं तो शालिनी की खुशी चाहती हूँ उसे दुखी नहीं देख सकती । शालिनी भी आ गई, अजय को देख वो माँ के सामने ही अजय के गले लग गई और रोने लगी ।

शालिनी ने मां से कहा हम एक बार पिता जी से बात करेंगे, वो मान जाएंगे, हम पिता जी की मर्जी के बिना कुछ नहीं करेंगे, वो मुझसे बहुत प्यार करते हैं, वो मुझे दुखी नहीं देख सकते, हम एक कोशिश तो जरूर करेंगे, वरना जिंदगी भर इस खुद ओर पषतावे के साथ जीना पड़ेगा कि हमने पिता जी से बात क्यों नहीं की , उसके बाद जो होगा मैं उसका सामना करने के लिए तैयार हूँ , कहते हुए शालिनी फिर रोने लगी और अपने कमरे में चली गई, अजय भी शालिनी के पीछे कमरे में जाना चाहता था मगर माँ को देख रुक गया ।

माँ के जाने के बाद अजय शालिनी के कमरे में जाता है ।

अजय: तुम रोना बंद करो,
शालिनी: ओर क्या करूँ,
अजय: अगर हमारी किस्मत में मिलना हुआ तो कोई नहीं रोक सकता,
शालिनी: अगर क्यों? हमारा प्यार अगर का मोहताज नहीं है,
अजय: कहीं दूर चलते हैं ओर शादी कर लेते हैं,
शालिनी: नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकती, अजय मुझे कुछ समय के लिए कहीं बाहर ले चलो, मैं तुम्हारे साथ कुछ समय बिताना चाहती हूँ, फिर पता नहीं क्या होगा, पिता जी से बात करने के बाद शायद फिर कभी न मिल पाए,
अजय: तुम अपनी शक्ल ठीक करो और अब रोना नहीं, एक घंटे बाद हम चलते हैं,

अजय ने एक होटल में कमरा लिया और शालिनी को वहां ले आया, शालिनी अजय से लिपट कर रोने लगी और कहने लगी शायद यह हमारी आखरी मुलाकात हो, अजय ने शालिनी को अपनी बाहों में ले लिया, दोनों इन पलों को जिंदगी भर की यादों के लिए समेट लेना चाहते थे । शालिनी को तो जैसे पता था यह उनकी आखरी मुलाकात है,  शालिनी एक पल के लिए अजय से अलग नहीं होना चाहती थी । वक़्त की घड़ी दौड़ रही थी, अजय ने शालिनी से कहा हमें घर चलना चाहिए, शालिनी अजय को जी भर कर देखना चाहती थी, अजय ने कहा अंधेरा होने वाला है, शालिनी खामोश थी, जैसे उसने कुछ ठान लिया हो, दोनों घर बापिस आ गए ।

उस रात शालिनी अपने पिता जी के पास गई,

शालिनी: पापा मुझे आपको कुछ कहना है,
पापा: कहो शालिनी, कहीं घूमने जाना है, पैसे चाहिए,
शालिनी: नहीं, कुछ और, आप नाराज़ तो नहीं होंगे,
पापा: बात तो बताओ, नंबर कम आये हैं क्या?
शालिनी: नहीं
पापा: तो बोलो क्या बात है,
शालिनी: क्या मैं अपनी पसंद के लड़के से शादी कर सकती हूँ,

शालिनी के पापा ने पहले शालिनी की तरफ देखा और फिर शालिनी की माँ की तरफ़, शालिनी की माँ ने आंखे झुका ली, शालिनी के पिता को पता चल गया कि शालिनी की माँ को सब पता है ।

पापा: कौन है वो,
शालिनी: अजय

यह सुन शालिनी के पिता वहाँ से चले जाते हैं, किसी को कुछ नहीं कहते,

इस रात का एक-एक पल बिताना शालिनी के लिए मुश्किल हो रहा थ, शालिनी की जिंदगी में इतनी खामोश रात पहले कभी नहीं आई थी, चारों तरफ खामोशी थी, कोई किसी से बात नहीं कर रहा था, सारी रात जागते हुए शालिनी ने सुबह का इंतजार किया ।

अगली सुबह शालिनी के पिता सुबह-सुबह ही कही चले गए, दो घण्टे बाद शालिनी के पिता एक टैक्सी लेकर आए और शालिनी की माँ और शालिनी से बोले तुम दोनों टैक्सी में जाओ, मैं दो दिन बाद आता हूँ । शालिनी खामोश थी जैसे वो यह सब पहले से ही जानती हो, वो दोनों टैक्सी में बैठ कर चले गए ।

जाते-जाते शालिनी एक ही बात सोच रही थी, काश पापा कह देते "या शालिनी जी ले अपनी जिंदगी" फिर उसने सोचा यह सब तो फिल्मो में होता, असल जिंदगी में प्यार का अंत दर्द के साथ ही होता है, शालिनी की मां भी कभी इस दर्द से गुजरी थी इसी लिए शालिनी के दर्द को समझ रही थी ।

उसी दिन शाम को शालिनी के पिता ने अजय को बुलाया ओर सीधी बात कही, मैं नहीं चाहता दो परिवार और दो जिंदगियां बर्बाद हों, हम कल यह घर छोड़कर जा रहे हैं , तुम शालिनी के पीछे आने की कोशी मत करना, अगर तुमने शालिनी के पीछे आने की कोशी की तो तकलीफ शालिनी को ही होगी , क्योंकि वो मेरी मर्जी के बिना कुछ नहीं करेगी, मैं इसी हफ़्ते उसकी शादी कर रहा हूँ, अजय ने कुछ बोलने चाहा तो शालिनी के पिता ने कुछ भी सुनने से मना कर दिया ओर कहा अब तुम जाओ ।

शालिनी प्यार की मीठी यादों के साथ अजय को छोड़कर जा चुकी थी । अब अजय के पास शालिनी की यादें थी, उसके साथ बिताए पलों के एहसास था । वो उन्ही पलों में जी रहा था ।

यादें प्यारी की



Hello

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