शब्दों में दर्द बन दिखता हूँ मैं ।
शब्दों में दर्द बनकर दिखता हूँ मैं,कभी अपना तो कभी तुम्हारा,
दिल का हाल लिखता हूँ मैं ।
गम दर्द की इस दुनिया में,
दवा बन बिकता हूँ मैं ।
हर दिन दर्द नई कहानी के साथ,
मिलता हूँ मैं,
शब्दों में दर्द बनकर दिखता हूँ मैं,
प्यार का जख्म कितना भी गहरा हो,
हर जख्म सिलता हूँ मैं,
शब्दों में दर्द बनकर दिखता हूँ मैं,
मोहब्बत की राह पर चोट लगनी तय है,
हर किसीको नहीं मिलता प्यार,
किसी किसी का दिल टूटने तय है,
हर किसीके दर्द में सिकता हूँ मैं,
शब्दों में दर्द बनकर दिखता हूँ मैं,
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