पहली मोहब्बत

पहली मोहब्बत


पहली मोहब्बत


मोहब्बत के सही मायने पता लगते-लगते जाने कितनो से मोहब्बत होने का एहसास हो चुका होता है । मोहब्बत का पहला एहसास 12 से 14 साल की उम्र में होता है जब कोई दिल को अच्छा लगने लगता है हर पल उसे देखने का दिल करता है । उसके बारे में सोचना उसकी तरफ़ देखना सब अच्छा लगता है । उस से बात करने का मन तो करता है मगर जुबान साथ नहीं देती, लफ्ज़ लड़खड़ा जाते हैं, यह पल बहुत खूबसूरत लगते हैं । दूर से ही देखने में महीनों बीत जाते हैं ।



"वो पहली मोहब्बत
जिस में कभी उस से बात नहीं हुई
मुझे आज भी याद है
मुझे देख उसकी तौर का बदल जाने
हल्के से मुस्कराना
कभी पीछे मुड़कर देखना
कभी बिना देखे आगे बड़ जाना ।
वो पहली मोहब्बत
जो सिर्फ आंखों आंखों तक ही सीमित रही
उसकी आँखों से आंखों का टकराना,
उसका पता नहीं
मेरे दिल की धड़कन का तेज हो जाना
उसकी ओर बढ़ते हुए कदमों को देख दिल का घबराना,
वो पहली मोहब्बत
जो कभी भूलती ही नहीं ।

पहली मोहब्बत का एहसास बहुत खूबसूरत होता है ।





1 Comments

Hello

  1. बहुत अच्छा लिखा है

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