पहली मोहब्बत
"वो पहली मोहब्बत
जिस में कभी उस से बात नहीं हुई
मुझे आज भी याद है
मुझे देख उसकी तौर का बदल जाने
हल्के से मुस्कराना
कभी पीछे मुड़कर देखना
कभी बिना देखे आगे बड़ जाना ।
वो पहली मोहब्बत
जो सिर्फ आंखों आंखों तक ही सीमित रही
उसकी आँखों से आंखों का टकराना,
उसका पता नहीं
मेरे दिल की धड़कन का तेज हो जाना
उसकी ओर बढ़ते हुए कदमों को देख दिल का घबराना,
वो पहली मोहब्बत
जो कभी भूलती ही नहीं ।
पहली मोहब्बत का एहसास बहुत खूबसूरत होता है ।
बहुत अच्छा लिखा है
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