कहीं अनजाने में तेरा जिक्र न आ जाये

कहीं अनजाने में तेरा जिक्र न आ जाये

लिखना था दिल का हाल
हम जमाने की बात करने लगे,
लिखनी थी दर्द की कहानी
हम मौसम का हाल बताने लगे,
कहीं अनजाने में तेरा जिक्र न आ जाये
हम यूँ ही बातों को उलझाने लगे ।

करनी थी गम की बातें,
हम हँसी मजाक करने लगे,
बताना था आसुओं का कारण,
हम नदी झरनों की बात करने लगे,
कहीं अनजाने में तेरा जिक्र न आ जाये
हम यूँ ही बातों को उलझाने लगे ।

वो पूछ रहे थे दिल टूटने का दर्द,
हम चांद सितारे तोड़ने लगे,
वो हमसे सुनना चाहते थे हमारी बातें,
हम इधर उधर की छोड़ने लगे,
कहीं अनजाने में तेरा जिक्र न आ जाये
हम यूँ ही बातों को उलझाने लगे ।


Hello

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