मैंने तन्हाई को दोस्त बना लिया
दिल उदास न होता तो,
कैसे पता चलता,
मैं किसीके ग़म में हूँ ।
आँखों में अगर नींद न होती ,
तो कैसे पता चलता,
मैं किसीकी यादों में हूँ ।
यूँ ही मुस्कराता अगर मैं,
तो कैसे पता चलता,
किसीकी जुदाई का दर्द सता रहा है मुझे ।
किस-किस से छुपाता मैं अपने आँसू,
किस-किस को बताता मैं अपनी कहानी,
मैँने खुद को ही दुनिया से छुपा लिया,
कोई पूछे ना मुझ से तेरा सवाल,
मैंने तन्हाई को दोस्त बना लिया ।