भागदौड़ भरी जिंदगी जीना भूल गए लोग,
आजकल दिल से मुस्कराना भूल गए लोग ।
अचानक किसीके मिलने आ जाना,
रिश्ते निभाना भूल गए लोग,
आजकल दिल से मुस्कराना भूल गए लोग ।
किसके घर कौन आया है,
किसके घर क्या बना है,
पूरे मौहल्ले को खबर थी,
एक ऐसा भी दौर था, वो दौर ही कुछ और था,
अब तो साथ बैठ खाना भूल गए लोग,
आजकल दिल से मुस्कराना भूल गए लोग ।
एक tv पूरे मोहल्ले के मनोरंजन करता था,
एक फोन सबका सांझा था,
मोहल्ले का बजुर्ग सब का बापू था,
अब तो इरखा ओर नफ़रत में रूल गए लोग,
आजकल दिल से मुस्कराना भूल गए लोग ।
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नफरत ने प्यार को मार दिया,
लालच ने रिश्तों को खत्म किया ।